इसकी तैयारी जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक जोर शोर से चल रही है।
बिहार सरकार इस संबंध में पहले ही अधिसूचना जारी कर चुकी है। जाति आधारित जनगणना के संबंध में बेसा प्रखंड जमीयत उलेमा (पूर्णिया जिला इकाई) के सचिव मुफ्ती अब्दुल गनी कासमी ने कहा कि सरकारें जाति खत्म करने का दावा करती हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है, तभी तो बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित जनगणना की घोषणा की, निस्संदेह यह एक स्वागत योग्य कदम है। 7 जनवरी से शुरू हो रही जाति आधारित जनगणना को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
जाति आधारित जनगणना के लिए कोई भी जिला या ब्लॉक स्तर के अधिकारी आपके पास आते हैं। उनका समर्थन करें।
- 7 जनवरी से पहले घर के सभी सदस्यों के पहचान पत्र एकत्र कर लें।
- विवरण आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र के अनुसार लिखें।
- घर का नंबर लिखें।
- (ध्यान रहे कि विवाहित व्यक्तियों को अपने अभिभावक के अलावा अपना मकान नम्बर भी लिखना चाहिए। पूर्व में पंचायत स्तर पर अधिकारिक लोगों द्वारा मकान नम्बर उपलब्ध करा दिया गया है।
- विवाहित व्यक्तियों को घर के सदस्यों के कॉलम में अपनी पहचान अलग से सूचीबद्ध करनी चाहिए।
- जाति के कॉलम में अर्थात सैयद, शेख, अंसारी कलहिया या ब्लॉक से प्रमाणित जाति लिखें, अन्यथा अपने समुदाय के जानकार लोगों से लिखवा लें।
- धर्म कॉलम में इस्लाम लिखें या कॉलम में पहले से ही मुस्लिम शब्द चिन्हित करें।
- भाषा के कॉलम में उर्दू लिखें।
मुफ्ती अब्दुल गनी कासमी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 7 जनवरी 2023 से पहले अपनी सारी जानकारी अपडेट कर लें और दस्तावेज तैयार रखें ताकि जनगणना के समय सरकारी टीम के सामने आपको किसी तरह की दिक्कत न हो.